तंत्र के द्वारा व्यक्ति राष्ट्र की उन्नति होती है,आज जो भी प्रगति है वह तंत्र के कारण ही है,यथा राजतंत्र,मशीन तंत्र उर्वरक तंत्र आदि। जो कल था वह आज नही है,जो आज है वह कल नही होगा,लेकिन तंत्र कल भी था,आज भी है,और कल भी रहेगा।
Wednesday, October 27, 2010
चौथा राहु
माता मन मकान की बाते सभी करते है और माता मन मकान से सभी का लगाव होता है। बचपन से जवानी तक माता से और जवानी से लेकर बुढापे तक मकान से तथा बुढापे से लेकर मौत आने तक मन के साथ जुडा रहना जरूरी होता है। यह बात सही है कि आदमी कहीं पर स्वतंत्र नही है लेकिन मन के साथ तो वह हमेशा ही बन्धा हुआ है,मन का स्थान कुंडली मे चौथे भाव मे होता है और चौथे भाव से मन शंकाओं से तब भर जाता है जब उसके साथ राहु का भी सम्बन्ध स्थापित हो जाये। संसार में कई लोग आपको तर्क और कुतर्क करते हुये मिल जायेंगे। जैसे चौथे भाव के राहु वाले व्यक्ति से कोई बात की जाये तो उसके अन्दर हजारों शंकाये एक बात के लिये पैदा हो जायेंगी वह उन बातों के लिये तरह तरह की जानकारिया और उन जानकारियों के पीछे और कई जानकारियां लेने की कोशिश करेगा,समझाना भारी केवल चौथे राहु वाले के लिये ही पडता है यह बहुत ही समझने वाली बात है। ज्योतिष के अनुसार राहु को रूह का दर्जा दिया गया है,राहु केवल रूह के रूप में शरीर पर हावी होता है लोग इसकी गणना कई तरह की छाया रूपी शक्ति के लिये किया करते है। गुरु के साथ राहु का साथ होना भी खतरनाक माना जाता है गुरु जीव होता है तो राहु रूह जीव के ऊपर रूह हावी हो जाये तो जीव की स्वतंत्र सत्ता रह ही नही पाती है जैसा रूह चाहती है जीव उसी प्रकार से कार्य करता है। अगर राहु के साथ मंगल स्थापित हो जाता है जीव के अन्दर नीची सोच के साथ खून की चाल धीमी हो जाती है वह जरा सी बात को सोचने लगता है और अपने ही अन्दर घूमने लगता है। अक्सर चौथा राहु स्त्री की कुंडली में बहुत बुरा प्रभाव डाला करता है। किसी महिला के दिमाग में उसके परिवार के प्रति अगर राहु नाम की रूह कोई भ्रम डाल दे और वह उस भ्रम को निकालने के लिये अपने सारे प्रयास शुरु कर देगी,और जब तक उसका जीवन है वह उसी भ्रम के अन्दर फ़ंसी रहेगी,हर रहने वाले स्थान को वह शक की नजर से देखेगी,और जो भी उसके परिवारी जन है उनके लिये उसके मन में शक की बीमारी ही रहेगी,उसके लिये कितना ही जतन किया जाये कि उसे सत्यता का पता मिल जाये लेकिन वह सत्य के अन्दर से भी असत्यता का आभास करवाने लगेगी। एक पति के लिये इससे खतरनाक बात क्या हो सकती है कि उसके सही रहने के बाद भी उसकी पत्नी उसे शाम को प्रताणित केवल इसलिये करे कि वह देर से घर आया तो जरूर उसके अन्दर कोई न कोई राज है,या गाडी रास्ते में खराब हुयी तो उसके अन्दर भी उसकी कोई चाल है,या वह खाना कम खा रहा है या वह किसी के साथ जा रहा है या कोई महिला उससे बात करने लगी है आदि बातें यह रूह बहुत बुरी तरह से प्रकट करती है। कई लोगों को देखा है कि वे अपने इसी ख्याल के कारण घंटो बाथरूम में पानी बहाया करती है कि उनका वस्त्र गंदा है उनके ब्रस को किसी ने छू लिया होगा,उनके नहाने वाले साबुन को किसी ने प्रयोग में लिया होगा या किसी ने उसकी चप्पलों को ही प्रयोग में लिया होगा। चौथा राहु सदैव कर्जा दुश्मनी और बीमारी के भाव को देखता है और जो भी बाते इन कारकों से जुडती है,वे सभी चौथे राहु के लिये मशाला बन जाती है,किसी से दुश्मनी बन जाने पर चौथा राहु वाला व्यक्ति दुश्मनी से कम अपने शक वाले ख्यालों से जल्दी मरने की कोशिश करेगा,जैसे वह रात को सो रहा है और चूहा आकर किसी प्रकार से कोई सामान को बजा दे तो वह यह नही सोचेगा कि चूहे ने उसके सामान को गिराया है वह पूरे घर के अन्दर कोहराम इसलिये मचा देगा कि कोई उसके घर में था और वह उसे मारने आया था। कारण चौथा भाव अपनी युति से अष्टम मौत के भाव को भी देखता है। इसके अलावा बाहरी आफ़तों के लिये इस भाव को भी अधिक माना जाता है किसी धर्म स्थान या किसी अस्पताली कारण को अगर वह व्यक्ति समझ गया है तो वह अपने मरीजों केवल शक के आधार पर ही दवाइयां देगा और मरीज जीने वाला भी होगा तो भी शक के आधार पर दी जाने वाली दवाइयों से वह समय से पहले ही परलोक सिधार जायेगा। अक्सर चौथे राहु वाले व्यक्ति की पहिचान यात्रा में सही रूप से की जा सकती है,इस प्रकार का व्यक्ति जब भी यात्रा करेगा अपने स्थान के अलावा भी अपने सामान को फ़ैलाने का काम करेगा,उसकी कोई वस्तु जरा सी इधर उधर हुयी और वह अपने शक वाले स्वभाव को आसपास वाले यात्रियों पर करना शुरु कर देगा,इसके अलावा वह रास्ते भर किसी से बात नही करेगा,अपने ही ख्यालों में खोया हुआ यात्रा करेगा,जहां उसे उतरना है उसके साथ वाले सहयात्री उसे उतारने की कोशिश करेंगे तो ही वह उतरेगा अन्यथा उसे ध्यान नही होगा कि उसे उतरना भी है या नही। चौथे राहु वाला व्यक्ति प्रेम करने के मामले भी शक करने वाला माना जाता है,किसी ज्योतिष जानने वाले के पास वह शादी के पहले ही जाना शुरु कर देगा और शादी से पहले ही वह पूरी जानकारी अपने पति या पत्नी के लिये करना शुरु कर देगा,यह भी देखा गया है कि इन्ही कारणों से अधिकतर इस प्रकार के लोगों की शादी या तो हो नही पाती है और हो भी जाती है तो वह वैवाहिक जीवन को सही नही चला पाते है,उनको अधिक सोचने के कारण टीबी या सांस वाले रोग पैदा हो जाते है और अस्पताल की तरह से घर का माहौल भी बन जाता है। दमा स्वांस आदि की बीमारी होने के बाद वे अधिकतर मामले में सांस की गति को सामान्य रखने के इन्हेलर आदि का प्रयोग करते हुये देखे जाते है। महिलाओं में चौथे राहु का असर एक प्रकार से और देखा जा सकता है कि वे अपने घर के फ़र्स को साफ़ से साफ़ रखना चाहती है उन्हे गंदगी बहुत जल्दी दिखाई देने लगती है,कोई जरा सा घर के अन्दर घुसा और उसके पैरों के निशान बने तो वह जल्दी से ही पौंछा लेकर उस स्थान को पोंछने का कार्य करने लगेगी,उन्हे घर के माहौल में एक अजीब सी बदबू का होना मिलेगा और वे अधिक समय घर की साफ़ सफ़ाई में ही बिताना पसंद करती है।
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jai ho !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...
ReplyDeleteशानदार बहुत सुन्दर...
ReplyDeleteऊँ श्री हरि कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने,प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम: ॥
ReplyDeleteजय हो प्रभु
इस नए और सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्लॉग जगत में स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
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