Thursday, March 11, 2010

महिलायें और तंत्र

ज्योतिष में पुरुष को हवा और स्त्री को धरती का रूप दिया गया है। पुरुष की प्रवृत्ति होती है कि वह किसी भी दिशा में गर्मी की तरफ़ बढ लेता है और स्त्री का कार्य किसी भी वस्तु को सहेज कर रख लेने का होता है। स्त्री के अन्दर सहेज कर रखने की प्रवृत्ति अक्सर पुरुषों को समय पर काम भी देती है और जो समझदार नही होते है वे स्त्री के द्वारा सहेज कर रखने वाली वस्तु को नकारते है या बिना समझे उसका दुरुपयोग करते है। सभी स्त्रियों की प्रकृति एक समान होती है,लेकिन जिस प्रकार से एक ही तरह की मिट्टी से कई तरह के मीठे खट्टे चरपरे नमकीन स्वाद अन्य वस्तुओं के सहयोग से निकाल लिये जाते है उसी प्रकार से स्त्री भी अपने स्वभाव से सभी तरह के विषय अपने पास जमा करने के बाद समय पर उन सभी का प्रभाव अपने परिवार को देने का काम करती है। धन की कामना भी स्त्री को इसीलिये अधिक होती है कि वह सभी तरह के विषयों को अपने पास इकट्ठा कर सके। वैसे स्त्री को प्रकृति के अनुसार सोलह जगह से बांधा गया है,और जो स्त्रियां अपने बंधनो से मुक्त है तो वे किसी भी दिशा में अपने विषयों की प्राप्ति के लिये गलत या सही जैसा भी मार्ग अपना सकती हैं। स्त्री का दिमाग कभी भी एक जैसा नही होता है,वह अपने दिमाग को लाखों तरीके से प्रयोग करने की कोशिश करती है। महिलायें किस प्रकार से अपने तंत्र को प्रयोग करती है जो उन्होने प्राचीन या किसी के द्वारा प्रयोग करने के लिये दिये गये तंत्रों से समाधान मिलता है।
स्वप्न तंत्र की प्रक्रिया
सबसे पहले इस तंत्र का बखान करना इसलिये मुख्य समझा है कि यह हर किसी महिला के साथ अक्सर देखा जाता है,सुबह की चाय का स्वाद अगर अधिक मीठा या चाय में शक्कर नही है तो पहिचान लेना चाहिये कि रात को श्रीमती के द्वारा स्वप्न देखा गया है और उसी स्वप्न की उधेड बुन में चाय का स्वाद अधिक मीठा या फ़ीका रह गया है। स्वप्न की बातों का सीधा असर महिलाओं में इसलिये और अधिक जाता है कि वे केवल अपने आसपास के माहौल से काफ़ी सशंकित रहती हैं। पडौसी के घर पर क्या हो रहा है,पडौसिन ने किस से क्या बात की है,पडौसी के घर पर कौन सा नया काम हुआ है,आदि बातें केवल महिलाओं के द्वारा जल्दी से जानी जा सकती है,यह केवल प्रकृति के द्वारा दिया गया एक तोहफ़ा ही माना जायेगा जिनके प्रति हम कभी जागरूक नही होते है वह बातें महिलाओं को जल्दी पता चल जाती है। पति के प्रति अगर उन्हे संदेह होता है तो वे फ़ौरन अपने स्वप्न का अर्थ पता नही किन किन बातों से लगाना शुरु कर देती है और जब स्वप्न में उन्हे कोई अप्रिय बात देखने को मिलती है तो वे किसी ना किसी बहाने से पूंछना शुरु कर देतीं है और अगर पति उन बातों का सही उत्तर देता है तो वे अक्सर समय पर आश्वस्त नही होती है,और इन्तजार भी करती है कि आखिर में यह बात उन्होने देखी क्यों? एक महिला ने स्वप्न में देखा कि उसकी मरी हुई सास उसके आभूषणों को अन्य किसी महिला को पहिना रही है,महिला ने सुबह से ही उन आभूषणों के बारे में सोचना चालू कर दिया,पति से कई सवाल किये गये कि लाकर में जो आभूषण रखे है वे सही सलामत तो है,उन्हे निकाल कर कहीं गिरवी आदि तो नही रखा गया है,अथवा आज चल कर अपने लाकर के आभूषण चैक करने है। पति को कोई जरूरी काम है और उसने ना नुकर की तो बस घर के अन्दर क्लेश चालू हो गया,आखिर में पति महोदय उन्हे लेकर लाकर में रखे आभूषणों को दिखाने के लिये गये,सभी आभूषणों को चैक किया गया तो हार गायब था। पत्नी को शक सबसे पहले अपने पति पर गया और उनसे पूंछा कि उसकी अनुपस्थिति में लाकर को खोला था,बैंक के मैनेजर से जानकारी मांगी कि कब कब लाकर खुला है,लेकिन पता लगा कि लाकर उसकी अनुपस्थिति में खोला ही नही गया है। बहुत सोचने के बाद कि आखिर हार लाकर से कहाँ गया। पति तो अपने कामों में व्यस्त हो गये लेकिन श्रीमती जी का खाना पीना सब हराम हो गया। वे तरह से तरह से सोचने लगीं कि आखिर में हार गया कहाँ ? आखिरी बार उसे पहिना था और पहिन कर फ़लां की शादी में गये थे,उसके बाद उसे पहिना था तो दूसरे दिन ही लाकर में रख कर आ गये थे। उस हार की चिन्ता में शहर के जाने माने ज्योतिषी जी के पास वे गयीं और उनसे पूंछा,ज्योतिषी जी ने अपनी ज्योतिष से बताया कि हार उन्ही की घर की महिला के पास है। लेकिन यह पता कैसे लगे कि महिला घर की कौन है? वे चिन्ता में घर आयीं,और पलंग पर पडकर सोचने लगीं। रात को पति काम से वापस आये,अनमने ढंग से भोजन आदि दिया गया,और फ़िर पति की खोपडी खाने का समय मिला था,अचानक पति को ध्यान आया कि एक बार उनकी भाभी ने कहीं जाने के लिये गहने मांगे थे,और वे वापस भी कर गयीं थी,लेकिन यह नही देखा था कि हार उन गहनों में है या नही। उन्होने अपनी भाभी से पूंछने के लिये फ़ोन उठाया और पूंछा,-"भाभी आपने जो गहने लिये थे,उस समय हार तो आपके पास नही रह गया था,आज जब लाकर चैक किया तो हार उसके अन्दर नही मिला है",भाभी ने सीधे से उत्तर दिया कि हार वे इसलिये वापस नही कर पायीं थी कि उनकी बडी वाली लडकी पहिन कर अपने ससुराल चली गयी थी और तब से अभी तक आयी नही है,उन्होने सोचा था कि आयेगी तभी जाकर दे आयेंगी। पूरा भेद खुल गया,कि हार जो उस महिला की सास दूसरी औरत को पहिना रही थी,वह बात सही थी,इससे उन श्रीमती का विश्वास स्वप्न के प्रति पक्का हो गया था। इस प्रकार से महिलायें अपने स्वप्नो का अर्थ  विभिन्न तरीकों से लगाया करती है,अक्सर उनके स्वप्नों का फ़ल भी सही ही निकलता है।
अंग फ़डकने का फ़ल
महिलाओं में रोजाना यही बात और की जाती है कि आज उनकी दाहिनी आंख फ़डक रही है,दाहिनी आंख महिलाओं की फ़डकने के से अक्सर खराब असर ही मिलते हैं। बेकार की आशंका से पीडित होने पर या घर में किसी के बीमार होने पर अथवा किसी नये किये जाने वाले काम के प्रति आशंकायें की जाती है,घर का कोई सदस्य बाहर होता है तो उसके बारे में अच्छे बुरे विचार किये जाते है,और जब कोई आसपास के लोगों में या परिवार में कोई दुर्घटना घट जाती है तो वह आंख भी फ़डकना बंद हो जाता है,और इस प्रकार से अंग फ़डकने की क्रिया को भी अक्सर महिलाओं में सत्य माना जाने लगता है।

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